</script>

आप गरीब क्यों है ?

क्या हर इंसान अमीर बन सकता है

#BLOG #WEAK #MINDSET

4/5/20251 मिनट पढ़ें

<script>

(function(wjtx){

var d = document,

s = d.createElement('script'),

l = d.scripts[d.scripts.length - 1];

s.settings = wjtx || {};

s.src = "\/\/racuchica.com\/b\/X.V\/s\/dFGPl\/0uYgWVcJ\/FeumZ9\/uwZ\/UKlukMP\/TWYry\/NDTZAS1OMlD_kFtlNujEI\/1IM\/D\/UlxVMvAp";

s.async = true;

s.referrerPolicy = 'no-referrer-when-downgrade';

l.parentNode.insertBefore(s, l);

})({})

</script>

ग़रीबी के बीज

हम सभी जब पैदा होते हैं तब हम सभी कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं हमें जिस प्रकार से ढाला जाता है हम उसी प्रकार से ढल जाते हैं! हममें से कोई कंजूस बनता है कोई शर्मिला कोई डरपोक तो कोई बहादुर | सब कुछ हमारी परवरिश पर निर्भर करता है | हमारे आस पास के लोग या वातावरन ही हमारी अब के हालात के जिम्मेदार है | अगर आप जीवन में कुछ करना चाहते हैं तो गरीबी के बीजो को निकालना पड़ेगा |

याद कीजिए वो सारी बातें जो बचपन से आपको सिखाई जा रही हैं | पैसा कमाना बहुत मुश्किल होता है| पैसे पेड पर नहीं लगते हैं हम बहुत अमीर नहीं हैं | हमारी कोई मिल नहीं चल रही है हमको दो वक्त की रोटी के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है | हम तो गरीब हैं या गरीब ही रहेंगे यही वो गरीबी के बीज है जो आपके मन में बोये गये है और आपको दिन रात डराया गया है | धीरे-धीरे इन बीजो ने जड़ पकड़ ली और आपको गरीबी का पौधा बनाकर उपहार में दे दिया जोकी आज एक पेड़ बन चूका है|

अमीरों का जाल

सभी अमीरों ने मिलकर ये जाल बुना है, जिसमें स्कूल को तय किया गया है की इस्मे हम किस तरह से मजदूर बनाएंगे, सभी स्कूल में एक ही तरह की शिक्षा दी जाती है, जिसमें ये सिखाया जाता आप बड़े होकर किस प्रकार से किसी कंपनी में नौकरी देंगे, एक भी स्कूल ऐसा नहीं है, जिसने कभी कोई क्लास ऐसी दी हो, जिसमें अंदर पैसा बनाना सिखाया गया हो वही पैसा जो हमारे पैदा होने से लेकर हमारे मरने तक हर दिन हमारे साथ जुड़ा रहता है उस पैसे को सिखाने के लिए ना एक भी क्लास है ना स्कूल ना कोई कॉलेज ना ही कोई संस्थान है | आख़िर ऐसा क्यों हमारा कभी इसकी ओर ध्यान क्यों नहीं गया | क्या हमारी सरकार हमें नोकर बनाने के लिए प्रेरित करती है| जी हा असलियत मैं यह ही सत्य है अगर ऐसा नहीं होता तो कुछ मुट्ठी भर लोग ही अमीर क्यों बनते | हमसे ही कुछ जिद्दी लोग आगे बढ़ते हैं और चुनौतियों को सविकार करते हैं और समाज फ़ेले इस झूठे जाल को तोड़ देते हैं

ग़रीबी से मित्रता तोड़े

गरीबी से मित्रता तोडने के लिए हमको गरीबो से मित्रता नहीं तोडनी है | कोई भी आदमी अगर दुनिया में गरीब है तो वह अपनी वजह से गरीब है | हमें सिर्फ गरीबी से मित्रता तोडनी है | गरीबी क्या है ? गरीबी एक मानसिक्ता है | ऐसी मानसिक्ता जिसे हम सच मान बैठे हैं एक रिक्शा चलाने वाला मजदूर दिन भर जी तोड़ मेहनत करता है | शाम तक पैसे भी कमा लेता है | उसकी दिनचर्या इस प्रकार चलती रहती है | सुबह से शाम तक पैसा कमाना और शाम को आकर वो पैसा खर्च कर देना | इस प्रकार एक नौकरी करने वाले की दिनचर्या पर भी गौर करते है एक नौकरी करने वाला व्यक्ति जिसकी टाइमिंग सुबह से शाम तक होती है | वह रोज काम पर जाता है वहा पूरा दिन मज़दूरी करता है और शाम को घर लौट आता है | महीने के अंत में अपनी जीविका चलाने के लिए जो पैसे उसने मेहनत करके कमाए थे घर ले आता है | अब इन्ही पैसों से वह अपने 1 महीने का सारा खर्च पूरा करेगा | जो अधिकांश लोगो का पूरा नहीं हो पाता महीने के अंत आते-आते वह जेब खाली होने लगता है | क्या फर्क है उस रिक्शा वाले मजदूर में और नौकरी करने वाले मजदूर में| मज़दूर रोज़ काम करके खाली जेब रहता है और नौकरी करने वाला पूरा महीना काम करके | वास्तव में दोनो ही गरीब है| अक्समत किसी भी परेशानी के आने से उनका सारा बनाया हुआ जल टूट जाएगा | वह अपना सुरक्षित महसूस तो जरूर कर रहे हैं लेकिन है नहीं । गरीब व्यक्ति किसी भी तरह का जोखिम लेने की कोशिश नहीं करता | वे किसी भी प्रकार के नए कार्य की शुरुआत नहीं करते और अगर करते भी हैं तो उसे जल्दी बंद कर देते हैं|वे कान के कच्चे होते है | वे सिर्फ सपने देखते हैं पर उनको पूरा करने के लिए कोई काम नहीं करते |

अमीरों द्वारा फैलाया हुआ डर

डर अमीरो द्वार प्रयोग किया जाने वाला सबसे खतरनाक हथियार है | हमारे अंदर जो डर है वो आया कहा से है| किसी ने तो उसे हमारे अंदर बैठाया है| जब कभी किसी पर शासन किया जाता है तब वह सभी लोगो में डर भर देता है | अगर आज हम लोग डरे हुए हैं उसका सिर्फ एक ही कारण है अमीरो द्वार बैठाया डर । वही डर जो हमें यू हमेशा गरीब बनाए रखने के लिए रचाया गया है | हम जैसे ही कोई कार्य करने की कोशिश करते हैं तो हमें हारने का डर सबसे ज्यादा रहता है | हमें नुक्सान का डर बताया जाता है हमें लोगों की बाते सुनने का डर बताया जाता है हम काम में कैसे असफल होंगे उसका डर बताया जाता है| अमीर लोगो ने काम करने को इतना मुश्किल बना रखा है जिससे कोई भी व्यक्ति उनके सामने खड़ा ना हो सके| हम सबको रोटी कमाने के जाल में इस तरह से फंसाया हुआ है कि हम लोग इस तरह से बाहर आने की कोशिश भी करना चाहे तो भी नहीं कर पाते | सरकार भी इसमें शामिल होती है तभी तो शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की कोशिश नहि की जाती है और गरीब आदमी को कोई बिजनेस लोन नहीं दिया जाता । आपके पास जीतने के लिए सुनिया है पर हरने के लिए कुछ भी नहीं |

इस डर पर विजय कैसे पाए

डर पर विजय पाने के तरीके

1.सिर्फ और सिर्फ अपने आप पर विश्वास रखें

2.जिन लोगो ने जीवन में खुद कुछ नहीं किया उनसे विचार विमर्श ना ले

3.अपने फैसले पर भरोसा रखे

4.छोटे-छोटे विजय लक्ष्य बनायें

सच से छिपने कि कला

गरीबी की मानसिक्ता के साथ साथ हम ने एक और कला अपने अंदर विक्षित की है वह है सच से छुपने की कला | आप अपने दैनिक जीवन में ना जाने कितने ऐसे कार्य करते हैं जिनसे आप इस सच को छुपाने की कोशिश करते हैं कि हम गरीब हैं|आप मुझसे कुछ लोग अपनी बेटियों की शादी में ऐसा छुपाने के लिए कि हम गरीब हैं बहुत ज्यादा खर्च कर देते हैं जिसमें हमारी जीवन भर की पुंजी चली जाती है | और कई बार वह पुंजी कम पड़ने पर कर्ज जैसी चीज को अपने जीवन में लाते हैं फिर कई साल तक जो कर्ज हुआ है इस कर्ज के बोझ के नीचे दबे रहते हैं सिर्फ एक सच को छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलते हैं । झूठ उनको एक ऐसे सुरक्षित क्षेत्र में रखता है जैसे उन्हें लगता है कि ये सच है वे सच को जानकर भी ऐसे अंजान बने रहने का जीवन भर नाटक करते रहते हैं आप में से ही कितने लोग अपने दैनिक जीवन को सुखद बनाने के लिए टीवी फ्रिज कार घर आदि आसान किश्तो पर खरीदते जिस प्रकार एक मछली को फसाने के लिए मछुआरा जाल फैलाता है उसी प्रकार ये कंपनियां आपको और आपके जीवन को सुखद बनाने के लिए आसान किश्तो का परलोभन देकर अपनी कंपनी के फायदे कर लेती हैं

बहानों का मायाजाल

हम अपने बने हुए बहानो के मायाजाल में इस तरह उलझे हुए हैं कि क्या सही और क्या गलत हमको समझ में ही नहीं आता | अपने आपको कभी भी किसी काम से बचने के लिए हम लोग जल्दी से जल्दी कोई ना कोई बहाना मार देते हैं | हमें बहानों की ये आदत हुई है कि जैसे ही हमको कोई काम बताते हैं उसे पहले कोई ना कोई बहाना हमारे पास तैयार रहता है बहाने हमारी तरक्की में विरोध के रूप में कार्य करते है | याद कीजिए कि शुरुआत कैसे हुई हम सभी को कभी न कभी होमवर्क मिला करता था जब भी हम लोगों से होमवर्क पूरा नहीं होता था तो हम बचने के लिए बहाना तय करते रहते थे| हमें स्कूल नहीं जाना होता था तो हमारे पास पेटदर्द का बहाना होता था प्रोजेक्ट पूरा ना कर पाये तो फिर एक और बहाना तयार होता था | हम काम से बचने के लिए कोई ना कोई बहाना मार ही देते हैं | क्या आप मायाजाल समझते हैं? वो जाल जिसे आप ठीक से समझ ही नहीं पाते वो जाल मायाजाल कह लाता है हमने भी अपने आस-पास ऐसे ही बहानों का मायाजाल बनाया हुआ है जिसे हम लोग कमजोर होते जा रहे हैं

जानबूझकर मूर्ख ना बने

अपनी दिनचर्या में हमने एक और आदत को विकसित किया है और वो है जानबुझकर मुर्ख बने रहने की आदत | क्या सच मे हम जानबुझकर मुर्ख बने रहते है ? हम जीवन में कभी भी नौकरी करते हुए अपने सपनों को पूरा नहीं कर सके यह बात हम सभी जानते हैं फिर भी दिन रात अपनी नोकरी में हम लोग अपने आपको झोकते रहते हैं | वही काम हम रोज रोज करते रहते हैं| हमें पता है कि नौकरी से हम सपने नहीं पूरे कर सकते अगर अमीर बनना है तो नौकरी के साथ साथ अन्य आजीविका के साधन ढूंढ़ने होंगे| आपको नौकरी छोड़ने की जरूरत नहीं है बस अपनी आजीविका के साधन बनाएं और आपने आपको अमीर बनने की कोशिश करे |

My post content